गोरखनाथ जी स्नान मंत्र ,अलील गायत्री ,शिव गायत्री
गोरखनाथ जी को कलियुग में जागृत दैवीय शक्ति माना जाता है | गोरख नाथ जी योग व तंत्र मंत्र से सम्बंधित देवताओ व् साधुओ की श्रेणी में उच्च स्थान प्राप्त है |वे भगवान शंकर के अंश है ,इसलिए उनमे शक्ति का भंडार है | उपासना में मंत्र जप एक प्रमुख तरीका है जो सर्व जन उपयोग करता है | हम यहाँ विभिन्न स्त्रोतो से एकत्रित सूचनाओ का सम्मिश्रण करके आप तक जानकारी पंहुचाने का प्रयास कर रहे है ,आशा है आप इस कार्य में अपना सहयोग करेंगे | इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की सहायता के लिए आप संपर्क कर सकते है या किसी प्रकार की सुचना हम तक पंहुचाना चाहते तो सहर्ष स्वागत है | अब हम अपने ब्लॉग के मुख्य वर्णित लेख पर आते है :-
साधक को किसी भी देवी देवता की उपासना करने के लिए मन को संतुष्ट करना अति आवश्यक है |,यदि मन में श्रद्धा नहीं होगी तो साधक अपने लक्ष्य में सफल नहीं हो पायेगा | उपासना के लिए साधक को सुबह चौथे पहर में अपने शरीर के अनुकूल आसान बनाकर बैठ जाये | ,आसान में सरीर को सीधा रखना आवश्यक है |
नहाने का मंत्र ( स्नान मंत्र )
ॐ हर हर गंगे हर नर्मदे हर जटा शंकर |
काशी विश्वनाथ गंगे ,गंगा गोदावरी तीर्थ बडे प्रयाग |
छालाबड़ी समुद्र की पाप कटे हरिद्वार |
ॐ गंगेय ॐ यमुने चैव गोदावरी सरस्वती |
नर्मेदेसिन्धु कावेरी ,जल स्नान च करू|
सत्यशील दोय स्नान तृतीय गुरु वाचकं |
चतुर्थ क्षमा स्नान , पंचम दया स्नान |
ये पञ्च स्नान निर्मल नित प्रति करत गोरषबाला |
जो जानो ध्यान का भेद आपही कर्ता आपही देव ||
ये स्नान के दौरान बोले जाना वाला मंतर है,यह मंतर पढ़कर जल तर्पण करे |
इसके साथ साथ अलील गायत्री तथा शिव गायत्री का भी पाठ किया जाता है |
अलील गायत्री
सात नमो आदेश | गुरु जी को आदेश | ॐ गुरु जी |
तन मंजन जल देवता , मन मंजन गुरु ज्ञान |
हाथ मंजन को धरती , अलख पुरुष का ध्यान |
जागो जल थल जागो अलील देव |
जोगी आया करम कूचा वसेडार्स पर्स की टेव |
अलील गायत्री सबसे न्यारी ,माता कुवारी पिता बृह्मचारी |
पीया अलील बांध बंध ,बल जोगी तिरहे कंध |
उलटंत अलील पलटंत काया जाती गुरु गोरखनाथ चलाया |
सेत पुरुष अलील निधन ,अविचल आसान निहचल ध्यान |
आद अलील अनाद अलील तारण अलील तरण अलील |
अलीलाय विद्यमहे माह अलीलाय धीमहि तन्नो अलील प्रचोदयात |
इति अलील गायत्री सम्पूर्ण भया| अनंत कोटि सिद्धो में बैठकर श्री नाथजी गुरु ने कहाई |
श्री नाथ जी गुरु को आदेश | आदेश | आदेश |
इसके बाद भी जल तर्पण करे |
शिव गायत्री
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Shiv in rain |
सत नमो आदेश | आदेश गुरूजी को आदेश |
ॐ गुरु जी जल का दान ,जल का स्नान ,जल में ऊना ब्रह्मज्ञान |
जल ही आये जल ही जाये ,जल ही जल में रह्या समय |
जल ही ऊँचा जल ही नीचा ,उण पाणी सौ लीजे सींचा |
भुख्याकू कु अन्न प्यासे को पाणी ,जहाँ आये गुरु गोरख निर्वाणी |
पीना पाणी उत्तम जात , जैसा दीवा वैसी बात |
जल में ब्रह्मा जल में शिव जल में शक्ति जल में जीव |
जल में धरती जल में आकाश जल में ज्योति जल में प्रकाश |
जल में निरंजन अवगति रूप ,जगी ज्योत अटल अनूप |
जहा से अपनी शिव गायत्री | तार तार माता शिव गायत्री |
अघोर पिंड पंडता रख ब्रह्मा विष्णु महेश्वर साख |
जपो शिव गायत्री ,सरे प्राणी पावै मोक्ष द्वार |
जोगी जपै जोप पैट ध्यावै राजा जपै राजपद पावै|
गृही जपै भंडार भर्ती धुधपूत सत धर्म फलती |
जो जग फल मांगू फल होय ,शिव गायत्री माता सोय |
इतना शिव गायत्री मंत्र सम्पूर्ण भया |
गंगा गोदावरी त्र्यम्बक क्षेत्र कौलागढ़ पर्वत अनुपान शिला कल्पवृक्ष |
तहा गादी पर बैठे श्री शम्भू जति गुरु गोरखनाथ ने नौ नाथ चौरासी सिद्ध अनंत कोट सिद्धो को कथा पढ़ कर सुनाया |
सिद्ध गुरुवरों को आदेश | आदेश | आदेश |
It is a knowlegeable page ades ades
ReplyDeletethank you
Deleteबन्धु मुझे नाथ सम्प्रदाय के साहित्य चाहिए। और आप जानकारी दीजिए
Deleteमुझे नदी चाहिए आप मुझे भेज सकते हो क्या
ReplyDeleteHamhe guru gorkh nath ji ke dhoop mantra, Ashan mantara,gadi mantra
ReplyDeleteBhej do
Jai guru gorkhgnath
आप गोरख गुटका नाम से पुस्तक आएगी उसका अध्ययन करें
DeleteAadesh aadesh
ReplyDeleteओम शिव गोरक्ष
ReplyDeleteॐ नमो आदेश
ReplyDeleteमहात्मा जी इस क्रिया के लिए इन मंत्रों की दीक्षा लेना आवश्यक है क्या कृपया रिप्लाई दे
किसी भी मंत्र की सिद्धि के लिए गुरु आदेश होना आवश्यक है, अन्यथा इसका फल मिलेगा तो पर उस वक़्त नही जब आप इसकी जरूरत महसूस कर रहे होंगे, अपितु उस वक़्त फल मिलेगा जब आप इसके बारे में भूल चुके होंगे या इस तरह की आशा ही नहीं रखेंगे।
Deleteगुरु जी प्रणाम क्या शिव गायत्री मंत्र से हम घर के शिवलिंग कर जल अर्पण कर सकते है ।या कोई विशेष मुहूर्त में ही करे
ReplyDeleteमुझे साबर मंत्र की पुस्तक प्राप्त करने हेतु क्या करना होगा।
Guru ji guru kise karne hoga
ReplyDeleteआदेश
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