Monday 14 November 2016

वशीकरण शाबर मंत्र

 वशीकरण शाबर मंत्र


बारा राखौ, बरैनी, मूँह म राखौं कालिका।
 चण्डी म राखौं मोहिनी, भुजा म राखौं जोहनी।
 आगू म राखौं सिलेमान, पाछे म राखौं जमादार। 
जाँघे म राखौं लोहा के झार, पिण्डरी म राखौं सोखन वीर।
 उल्टन काया, पुल्टन वीर, हाँक देत हनुमन्ता छुटे। 
राजा राम के परे दोहाई, हनुमान के पीड़ा चौकी। 
कीर करे बीट बिरा करे, मोहिनी-जोहिनी सातों बहिनी।
 मोह देबे जोह देबे, चलत म परिहारिन मोहों।
 मोहों बन के हाथी, बत्तीस मन्दिर के दरबार मोहों।
 हाँक परे भिरहा मोहिनी के जाय, चेत सम्हार के। सत गुरु साहेब।

विधि- ग्रहण दीपावली होली जन्माष्टमी जैसे शुभ  समय में १०८ बार जपने से विशेष फलदायी होता है। नारियल, नींबू, अगर-बत्ती, सिन्दूर और गुड़ का भोग लगाकर १०८ बार मन्त्र जपे।
उपयोग का समय  उक्त मन्त्र को पढ़ते हुए इस प्रकार जाँए कि मन्त्र की समाप्ति ठीक इच्छित व्यक्ति के सामने हो।


हनुमान वशीकरण मंत्र

ॐ पीर बजरङ्गी, राम लक्ष्मण के सङ्गी।
 जहां-जहां जाए, फतह के डङ्के बजाय। 
‘अमुक’ को मोह के, मेरे पास न लाए,
 तो अञ्जनी का पूत न कहाय। दुहाई राम-जानकी की।

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विधि- ११ दिनों तक ११ माला उक्त मन्त्र का जप कर इसे सिद्ध कर ले। ‘राम-नवमी’ या ‘हनुमान-जयन्ती’ शुभ दिन है। प्रयोग के समय दूध या दूध निर्मित पदार्थ पर ११ बार मन्त्र पढ़कर खिला या पिला देने से, वशीकरण होगा।अमुक की जगह उस व्यक्ति का नाम ले जिस पर वशीकरण करना ह 



भैरव वशीकरण मन्त्र

“ॐनमो रुद्राय, कपिलाय, भैरवाय, त्रिलोक-नाथाय, ॐ ह्रीं फट् स्वाहा”

विधिः- सर्व-प्रथम किसी रविवार को गुग्गुल, धूप, दीपक सहित उपर्युक्त मन्त्र का पन्द्रह हजार जप कर उसे सिद्ध करे। फिर आवश्यकतानुसार इस मन्त्र का १०८ बार जप कर एक लौंग को अभिमन्त्रित लौंग को, जिसे वशीभूत करना हो, उसे खिलाए।

 नमो काला गोरा भैरुं वीर, पर-नारी सूँ देही सीर।
 गुड़ परिदीयी गोरख जाणी, गुद्दी पकड़ दे भैंरु आणी,
 गुड़, रक्त का धरि ग्रास, कदे न छोड़े मेरा पाश। 
जीवत सवै देवरो, मूआ सेवै मसाण। पकड़ पलना ल्यावे। 
काला भैंरु न लावै, तो अक्षर देवी कालिका की आण। 
फुरो मन्त्र, ईश्वरी वाचा

विधिः- २१,००० जप। आवश्यकता पड़ने पर २१ बार गुड़ को अभिमन्त्रित कर साध्य को खिलाए।


“ॐ भ्रां भ्रां भूँ भैरवाय स्वाहा। ॐ भं भं भं अमुक-मोहनाय स्वाहा।”
विधिः- उक्त मन्त्र को सात बार पढ़कर पीपल के पत्ते को अभिमन्त्रित करे। फिर मन्त्र को उस पत्ते पर लिखकर, जिसका वशीकरण करना हो, उसके घर में फेंक देवे। या घर के पिछवाड़े गाड़ दे। यही क्रिया ‘छितवन’ या ‘फुरहठ’ के पत्ते द्वारा भी हो सकती है।अमुक की जगह उस व्यक्ति का नाम ले जिस पर वशीकरण करना ह


नमक वशीकरण 


ॐ  भगवती भग भाग दियिनी देवदत्ती मम वश्यम कुरु कुरु स्वाहा


किसी भी गुरूवार को शांत  मन से नमक लेकर ७  सात बार अभिमंत्रित करे 
फिर इच्छीत स्त्री के खाने या पीने की वास्तु में मिला कर दे दें| 
यह प्रयोग केवल स्त्री पर ही उपयोगी है |



मिटटी द्वारा वशीकरण

मन्त्र
काला कलुआ चौंसठ वीर
ताल भागी तोर
जहाँ को भेज वहीँ को जाये
मांस मज्जा को शब्द बन जाये
अपना  मारा दिखावे
चलत बाण मारू
उलट मूठ मारू
मार मार कलुआ तेरी आस चार
चौमुखा दीवा
मार बड़ी की छाती
इतना काम मेरा न करे तो तेरी माता का ढूध हराम |

विधि :-
इस मंत्र को सिद्ध पुरुष के सानिध्य में ही करे , जिस स्त्री को वशीभूत करना ह
उसकेबांए पाँव की मिटटी लेकर ,इस मंतर से सात बार पढ़कर उसके सर में डाल दें |
वह आपके वश में हो जाएगी |


दृष्टि वशीकरण मंत्र

एम् भाग भुज भगनी भगोदरि भगमाले यौनि भगनिपतिनी सर्वभग संकरी 
भगरूपे नित्य कलेम भगस्वरूपे सर्व भगानी में वशमानय वरदेरेते सुरेते भग
 कलिम्ने क्लिम न द्रव क्लेदय द्रावय अमोघे भग विधे क्षुभ क्षोभय सर्व 
स्तवामगेशवरी  एम् लकं  जं ब्लूम भैं मौ बलूं हे हे क्लिने सर्वाणि भगानी तस्मै स्वाहा |

सिद्ध पुरुष यदि इस मंतर का जाप करते हुए किसी स्त्री से  नजर  मिलाये तो वह वशीभूत हो जाती है




मन्त्र

ॐ नम: उर्वशी सुपारी काम निगारी !
शुची राजा प्रजा रहे सब पियारी !
अमुक को मन्त्र पढ़ हृदय लगाऊं !
उठता बैठता निज दासी बनाऊं !
मरे पर उसकी जान जाए मशान !
वश न होवे तो यति हनुमंत की आन !


विधि ..

.
जिसको वश में करना हो उसका नाम अमुक की जगह ले कर ग्रहण में 1000 जाप करे . अथवा किसी सिद्ध महूर्त या पर्व पर भी कर सकते हैं ,
जाप करते समय कुछ सुपारियाँ सामने रखें सुगन्धित धुप दीप का प्रयोग करें . पांच लड्डू भी भोग के रूप में हनुमान जी के लिए रखें .जाप के बाद इन लड्डू को किसी एकांत  जगह पर रखदे अब आपकी सामग्री तैयार है.
सुपारियाँ सुखित रखे .अब जिसको आप अपने वश में करना चाहते हो थोड़ी थोड़ी सुपारी उसको खिला देवे .
खिलाने के लिए पहले मन्त्र जाप अवश्य करें . सुपारी को भिगो कर रखे
फिर किसी पत्थर पर घिस लें .इस घसे लेप् को किसी भी वस्तु में मिलाकर खिलाने से शक्तिशाली वशीकरण होगा




चिता कि राख से वशीकरण शाबर मंत्र


ॐ नमो धूलि धूलि।
विकट चांदनी पर मारूँ धूलि।
धूलि लगे, बने दीवानी।
घर तजे।
बाहर तजे।
ठाडा तजे भर्तार दीवानी।
एक सठी बलवान।
तुं नाहरसिंह वीर अमुक को उठाय लाव।
न लाय तो हनुमान वीर कि दुहाई।
मेरी भक्ति।
गुरु कि शक्ति।
फुरे मंत्र ईश्वरोवाचा।




विधि:

 शनिवार को श्मशान में जाकर किसी स्त्री कि चिता कि राख ले आयें। फिर इस मंत्र से १०८ बार अभिमंत्रित करें। अब फूंक मार कर जिस किसी को भी तिलक या सिर पर डालोगे,  शक्तिशाली वशीकरण होगा

 मंत्र



“ॐ नमो काला गोरा भैरुं वीर, पर-नारी सूँ देही सीर।

गुड़ परिदीयी गोरख जाणी, गुद्दी पकड़ दे भैंरु आणी,

गुड़, रक्त का धरि ग्रास, कदे न छोड़े मेरा पाश।

जीवत सवै देवरो, मूआ सेवै मसाण। पकड़ पलना ल्यावे।

काला भैंरु न लावै, तो अक्षर देवी कालिका की आण।

फुरे मंत्र ईश्वरोवाचा।

विधिः- 
जिसको वश में करना हो उसका नाम ले कर ग्रहण में 11000 जाप करे आवश्यकता पड़ने पर २१ बार गुड़ को अभिमन्त्रित कर, जिसे वशीभूत करना हो, उसे खिलाए।

1 comment:

  1. आपका बहुत बहुत धन्यवाद इन वशीकरण मंत्र को हमारे साथ शेयर करने के लिए

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